Electoral Bond’s Update 2024; आखिर क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड ? जिस पर हो रहा है भारी विवाद, सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे !

Mukesh Kumar
12 Min Read

14 मार्च की शाम चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 तक जारी हुए Electoral Bond’s से जुड़ा डेटा अपलोड कर दिया। कुल 763 पेजेस की दो लिस्ट अपलोड की गई है। एक लिस्ट में Electoral Bond’s खरीदने वाली कंपनियों और व्यक्तियों की जानकारी है। दूसरी लिस्ट में Electoral Bond’s कैश कराने वाली पार्टियों की जानकारी लिखी है। ईसीआई को उपलब्ध कराए गए आंकड़ो से पता चलता है कि अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 तक कुल 12,156 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया था। इसमें से लगभग आधी राशि केवल सिर्फ 20 कंपनियों या व्यक्तियों ने हीं दान कर दी थी।

Electoral bond's

लोकतंत्र के लिए राजनैतिक पार्टियां अनिवार्य है और उनके लिए अनिवार्य है चंदा भी अनिवार्य बस ये नहीं है की ऐसा कोई शख्स या कंपनी किसी पार्टी को अरबों खरबों दे दें। जिसका नाम तक आज से पहले किसी ने सुना नहीं था। चंदा देने वालों की लिस्ट में ऐसे कई नाम हैं जिन्हें देश के ज्यादातर लोग जानते नहीं होंगे। हम जानते हैं कि उन्होंने Electoral Bond’s के जरिए जो चंदा दिया वो भारतीय लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए ही काम आया है। इसलिए टॉप थ्री डोनर्स का जिक्र तो बनता ही है।

Electoral bond's; जानिए टॉप 3 डोनर्स कौन है ?

1.फ्यूचर गेमिंग और सर्विसेस

  • सबसे ज्यादा चंदा दिया है फ्यूचर गेमिंग और होटेल सर्विसेस नाम की
  • कंपनी ने सबसे ज्यादा 1368 करोड़ रुपये का कुल चंदा दिया।
  • ये एक लॉटरी कंपनी है इसकी स्थापना 30 दिसंबर 1991 को हुई
  • कंपनी का हेडक्वार्टर तमिलनाडु के कोयंबटूर में है।
  • सैंटियागो मार्टिन कंपनी को चलाते हैं मार्टिन को लॉटरी किंग के नाम से भी जाना जाता है।

2.मेघा एंजिनीरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड

  • चंदा देने वाली कंपनियों में दूसरे नंबर पर है मेघा एंजिनीरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
  • इस कंपनी ने ₹966, करोड़ रुपए का चंदा दिया।
  • कंपनी डैम्स और पावर प्रोजेक्ट्स का काम करती है।
  • इसके पास टनल्स, रोड्स, ब्रिज आदि बहुत सारे प्रोजेक्ट्स है
  • इसकी स्थापना 7 जून 2006 को हुई ।
  • कंपनी का हेडक्वार्टर तेलंगाना के हैदराबाद में है।
  • साल 1989 में हैदराबाद के उद्योगपति पामीरेड्डी पिची रेड्डी ने मेघा इंजीनीरिंग नाम से कंपनी शुरू की थी।
  • उनके भतीजे पीवी कृष्णा रेड्डी। 1991 में उनके साथ जुड़े और अब वही कंपनी चलाते हैं।
  • साल 2023 में भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में उनका भी नाम सामने आया था।

वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड

  • इसमें एक और नाम है वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड जिसने Electoral bond’s के जरिए ₹220, करोड़ रुपए का चंदा दिया है।
  • एक-एक करोड़ के 220 Electoral bond’s थे।
  • हमने इस कंपनी की जानकारी टटोली तो पता चला कि इस कंपनी के मालिक पीवी रेड्डी हैं। वही पीवी रेड्डी जो ओमेगा इंजीनियरिंग के भी मालिक हैं।
  •  यानी एक ही व्यक्ति या एक ही संस्था की तरफ से अलग अलग नाम से कंपनी बनाकर चंदा दिया गया।
  •  मेघा ग्रुप के मामले में इस तरह दी गई कुल रकम 1186 करोड़ है।

3.क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड

  • चंदा देने वाली कंपनियों में तीसरे नंबर पर है क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड।
  •  इस कंपनी ने Electoral bond’s के जरिए ₹410,करोड़ रुपए का चंदा दिया।
  • ये एक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन कंपनी है. इसकी स्थापना 9 नवंबर 2000 को हुई।
  • इस कंपनी का हेडक्वार्टर महाराष्ट्र के मुंबई में है।
Electoral bond's

Electoral Bond’s वह समूह जिसने अलग अलग नामों से भी चंदा दिया !

  • डोनर्स के मामले में एक और पैटर्न सामने आए हैं। हमने पाया की है। कि एक ही समूह ने अलग अलग नामों से भी चंदा दिया।
  • भारतीय समूह ने Electoral bond’s के जरिए ₹247, करोड़ रुपए का चंदा दिया। उनकी सब्सिडरी कंपनी भारती एयरटेल ने ₹183, करोड़ रुपए का चंदा दिया।
  • भविष्य में ऐसे और उदाहरण सामने आ सकते हैं, सोशल मीडिया कुछ कंपनियों की मौज ले रहा है। इनमें भी एक नाम एयरटेल का है।
  • प्रियंका देशमुख नाम की एक यूजर ने। ट्वीट किया, एक्स पर हैलो एयरटेल, कुछ कन्फ्यूजन है तुरंत समाधान चाहिए।
  • अब एयरटेल की तरफ से सिस्टम जेनरेटेड रिप्लाय आया कि हमें खेद है की आपको समस्या हुई आप हमें बताइए, तुरंत समाधान होगा। अब प्रियंका देशमुख ने रिप्लाई किया और उसमें लिखा कि आप बताते हैं कि आपकी कंपनी 300 करोड़ के घाटे में चल रही है, फिर बीजेपी को ₹300 करोड़ का चंदा देने का पैसा आपके पास कहाँ से आया? इसके बाद एयरटेल के अकाउंट से किया गया सिस्टम जनरेटेड रिप्लाइ डिलीट किया गया।
  • लोग जानना चाहते हैं कि चंदा देने वाले कौन हैं और उन्होंने किन परिस्थितियों में किसे चंदा दिया। जिन कंपनियों ने चंदा दिया उनकी माली हालत कैसी थी?

Electoral Bond's; टॉप थ्री पार्टीज जिन्होंने सबसे ज्यादा चंदा लिया।

  • Electoral bond’s के जरिए 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक
  • सबसे ज्यादा चंदा मिला भारतीय जनता पार्टी को करीब 6600 करोड़ रुपए।
  • दूसरे नंबर पर हैं TMC यानी तृणमूल कांग्रेस इन्हें करीब 1600 करोड़ का चंदा मिला है।
  • तीसरे नंबर पर कांग्रेस से इन्हें 1421 करोड़ रुपए का चंदा मिला।
  • बीआरएस को भी 1214 करोड़ मिले हैं।
  • हालांकि यह स्पष्ट कर दें की किस किस कंपनी ने कितना चंदा दिया यह पता चला है। किस किस पॉलिटिकल पार्टी को कितना चंदा मिला ये पता चला है। लेकिन ये नहीं पता चला कि किसका दिया चंदा किसके पास गया है।
  • जब एसबीआई ने डेटा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा था तब कोर्ट ने भी यह कहकर उनकी अपील खारिज कर दी थी की हमने आपको डेटा कोलेट करने के लिए कहा नहीं है। आप पहले डोनर और रिसीवर के नाम पब्लिश कीजिए जितने आपके पास है।
  • सबसे ज्यादा चंदा देने वाली फ़्यूचर गेमिंग कंपनी का उदाहरण ले कर इसको समझने की कोशिश करते हैं।
  • कंपनी के मालिक सेंटियागो मार्टिन को लॉटरी किंग के नाम से जानते हैं।
  • मई 2023 में मार्टिन की ₹457 करोड़ रुपए की संपत्ति ED ने अटैच किया था।
  • इस लॉटरी किंग पर लॉटरी रेग्युलेशन ऐक्ट 1998 के उल्लंघन का आरोप लगा था।
  • मार्टिन पर सिक्किम सरकार को धोखा देकर गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा।
  • इसके बाद कोयंबटूर और चेन्नई में उसके परिवार के सदस्यों और कंपनी के ठिकानों पर छापा मारा गया।
  • ED ने 22 जुलाई 2019 को अपने बयान में कहा, “मार्टिन और उनकी सहयोगी कंपनियों और संस्थाओं ने 1 अप्रैल 2009 से अगस्त 2010 की अवधि तक लॉटरी टिकटों के दावे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर गैरकानूनी लाभ कमाया और इससे सिक्किम सरकार को ₹910 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।”
  • इस केस की जांच साल 2019 में शुरू हुई. इसी साल जुलाई में कंपनी की 250 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच किया गया।
  • 2 अप्रैल 2022 को 409.92, करोड़ की संपत्ति को अटैच किया गया। फिर 15 मई 2023 को ED ने फिर से 457 करोड़ की अचल संपत्ति को फ्रीज़ किया कर दिया।
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ध्यान देने योग्य बातें !

  • 2 अप्रैल 2022 को 409.92 करोड़ की संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में अटैच किया गया।
  • 5 दिन बाद 7 अप्रैल 2022 को कंपनी ने 100 करोड़ के Electoral bond’s खरीदे।
  • 2019 से 2024 के बीच जब कंपनी लगातार ED के एक्शन झेल रही थी, तभी उसने करीब 1368 करोड़ के Electoral bond’s खरीदे।
  • सबसे ज्यादा दान देने वाली टॉप फाइव कंपनियों में से तीन पर ऐड और इन्कम टैक्स डिपार्ट्मेन्ट का छापा पड़ चुका है।
  • सबसे ज्यादा चंदा देने वाली दूसरी कंपनी मेघा इन्जीनियरिंग पर अक्टूबर 2019 में आयकर विभाग ने छापा मारा था। इसके बाद ईडी की भी जांच शुरू हुई थी और उसी साल 12 अप्रैल को कंपनी ने ₹50 करोड़ के Electoral bond’s  खरीदे।

सबसे ज्यादा दान देने वाली 3 कंपनियों पर छापा !

अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ग्रुप Electoral bond’s  के जरिये दान देने वाली पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी है।
वेदांता ग्रुप ने ₹376 करोड़ के Electoral bond’s खरीदे, जिसकी पहली किस्त अप्रैल 2019 में खरीदी गई। इससे ठीक पहले साल 2018 में ईडी ने दावा किया था कि उनके पास वेदांता ग्रुप के खिलाफ़ पुख्ता सबूत हैं। कंपनी पर आरोप लगा था कि कुछ चीनी नागरिक को गैर कानूनी तरीके से वीजा दिलाया गया।

चंदे पर चिंता बढ़ाने वाले ट्रेंड !

ऐसे क्षेत्रों की कंपनियां हैं जहाँ सरकार का नियंत्रण है या दखल है या अलग अलग सरकारी एजेंसी से आपको लाइसेंस और मंजूरी की जरूरत होती है, जैसे की मेगा इंजीनियरिंग। इस कंपनी का मुख्य काम है इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सरकारी कॉन्ट्रैक्टिंग डैम बनाना। मेघा इंजीनियरिंग को जम्मू कश्मीर में 4509 करोड़ का जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट और रक्षा मंत्रालय से ₹500 करोड़ का निर्माण कॉन्टैक्ट मिला। ये प्रोजेक्ट मिलने से कुछ समय पहले अक्टूबर 2019 में कंपनी पर आईटी का छापा पड़ा था। ऐसा ही दूसरा उदाहरण वेदांता लिमिटेड का है, जो एक मल्टिनेशनल माइनिंग कंपनी है। प्राकृतिक संसाधनों की माइनिंग करती है, प्रोसेसिंग करती है, एक्सपोर्ट करती है, तेल, बिजली और गैस पर इसका काम है। तांबा, ऐल्युमिनियम, इलेक्ट्रिक पावर जैसे क्षेत्रों में भी इन्वेस्ट किया है।
वेदांता ने 368 करोड़ रुपये के Electoral Bond’s खरीदे एसबीआइ से। ऐसे में ये सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि कोई कंपनी जो सरकार के नियंत्रण में है और वो चुनावी चंदा देती है और दूसरी तरफ उसी टाइम फ्रेम में उसे कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स मिल जाते है। कोई टनल बनाने का काम हुआ, कोई दवा बनाने का काम हुआ, कोई निर्माण से जुड़ा। तो क्या चंदा देने और काम मिलने के बीच का यह संबंध महज संयोग कहा जाए?

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नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम मुकेश कुमार है और मैं उत्तर प्रदेश से हूँ। मैंने जनवरी 2024 में ब्लॉगिंग शुरू की। मेरी वेबसाइ न्यूज से संबंधित है। मुझे जानकारी इकट्ठा करने का बहुत शौक था और यही मेरा जुनून भी है। फिलहाल मै मेरी Tazanews7.com वेबसाइट पर आर्टिकल अपलोड करता हूँ। और मनोरंजन जगत से जुड़ी हर खबर को सरल तरीके से आप तक पहुंचाने के लिए तैयार हूं। धन्यवाद
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